CJI Chandrachud: नीट पीजी 2023 से जुड़ा मामला देश की सर्वोच्च अदालत में पहुंचा हुआ है। इस पर देश के प्रधान न्यायाधीश सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ ने टिप्पणी की है। दरअसल, सीजेआई ने नीट पीजी और नेशनल मेडिकल से जुड़े मामलों की सुप्रीम कोर्ट में बढ़ती संख्या पर अहम पक्ष रखा है। उन्होंने इस पर साफ कहा कि ये बढ़ते मामले देश की मेडिकल शिक्षा में सुधार की ओर इशारा करते हैं।
CJI DY Chandrachud ने की नीट (NEET) पर टिप्पणी
आपको बता दें कि सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ ने 19वें सर गंगा राम व्याख्यान में स्वास्थ्य देखभाल में निष्पक्षता और इक्विटी की खोज के मुद्दे पर अपनी बात रखी। सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा कि राष्ट्रीय मेडिकल आयोग के फैसलों को चुनौती देने वाले कई मामले और नीट से संबंधित मामले सुप्रीम कोर्ट में मेरी बेंच के सामने आए। उन्होंने कहा कि अक्सर अदालतें नीति एरिया में घुस नहीं सकती है। ऐसे में छात्रों की शिकायतों को सुनना राज्य सरकारों का कर्तव्य है। हालांकि, इसमें जब भी अन्याय होता है तो हस्तक्षेप करना हमारा अहम कर्तव्य बन जाता है।
ये लाखों छात्रों की आशाओं और आकांक्षाओं का संकेत
सीजेआई ने कहा कि नीट से जुड़े मामलों की अदालत में अधिकता लाखों छात्रों की आशाओं और आकांक्षाओं का संकेत हैं। इससे साफ होता है कि देश में सबसे अधिक मेडिकल के क्षेत्र की मांग है। इसके बाद भी भारी संख्या में मुकदमेबाजी इस बात का संकेत है कि भारत में मेडिकल शिक्षा में सुधार की जरूरत है।
काफी तेजी से बढ़े हैं ऐसे मामले
गौरतलब है कि बीते कुछ सालों में मेडिकल में कोटा तय करना, नीट पीजी की परीक्षा स्थगित, काउंसलिंग, एडमिशन विवाद जैसे कई मामलों पर सुप्रीम कोर्ट में विचार किया जा रहा है। सीजेआई ने कहा कि न्याय के सिद्धांत कानून और मेडिकल दोनों के ही अभ्यास को रेखांकित करता है। दोनों ही मामलों में निष्पक्षता, समानता और समुदायों और व्यक्तियो के हित के संदर्भ में है।
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