CC in Bikes: भारतीय ऑटो बाजार कोरोना महामारी से पूरी तरह से उबर चुका है। ऐसे में एक बार फिर अच्छी गति से आगे बढ़े ऑटो सेक्टर में नए-नए वाहन एंट्री ले रहे हैं। ऐसे में अगर आप भी नई कारों और नई बाइक्स की जानकारी में दिलचस्पी रखते हैं तो आपको पता होगा कि बाइक में और कारों में सीसी (CC) क्या मतलब होता है। अगर आप नहीं जानते हैं तो हम आपको बता देते हैं कि वाहनों में CC का क्या मतलब होता है।
क्या होता है CC
दरअसल, CC के माध्यम से उस बाइक की या कार की इंजन क्षमता को बताया जाता है। आपको बता दें कि CC का पूरा नाम क्यूबिक कपैसिटी होता है। क्यूबिक कपैसिटी किसी भी गाड़ी के इंजन क्षमता को दिखाता है। इंजन के चैंबर के क्यूबिक सेंटीमीटर के माप को CC कहते हैं। इंजन में जितना अधिक CC होगा, इंजन एक बार में उतनी ही पावर को जनरेट करेगा।
गाड़ी की परफोर्मेंस पर असर
क्यूबिक कपैसिटी का सीधा प्रभाव गाड़ी की परफोर्मेंस पर पड़ता है। यहां पर आपको बता दें कि इंजन कितने ईंधन की खपत करता है। साथ ही कितनी पावर और टॉर्क पैदा करता है। ये सब इंजन के CC पर निर्भर करता है।
स्पोर्ट्स बाइक में कितना cc इंजन
मालूम है कि अधिकतर बाइक्स में 90cc से 110cc का इंजन दिया गया होता है। वहीं, एक स्पोर्ट्स बाइक को अधिक ताकत की जरूरत होती है, इसलिए स्पोर्ट्स बाइक में 350cc से 650cc तक का इंजन दिया गया होता है।
माइलेज पर पड़ता है खास असर
किसी भी बाइक को खरीदने से पहले अपनी जरूरत का खास ध्यान रखें। मान लीजिए कि आप एक सामान्य जगह पर रहते हैं तो आपको कम cc वाली बाइक लेनी चाहिए। वहीं, अगर आप किसी पहाड़ी वाली जगह पर रहते हैं तो आपको अधिक cc वाली बाइक की ओर जाना चाहिए। यहां पर ध्यान देने वाली बात है कि जैसे-जैसे cc बढ़ता जाता है, वैसे-वैसे उस बाइक की माइलेज कम होती जाती है।
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