CBSE Board 12th Result 2023 में इस बार 12 के एग्जाम देने वाली मेरठ की निवेदिता चौधरी 2014 में एक सड़क दुर्घटना की शिकार हो गई थी। जिसमें उसके पिता विशाल चौधरी की मौकै पर ही मौत हो गई और निवेदिता बुरी तरह घायल हो गई थी। जब कि उसका भाई बाल बच गया। निवेदिता को काफी गंभीर रूप से घायल हो गई थी। इसके बाद वह लगभग एक महीने तक कोमा में रही, उसकी याद्दाश्त चली गई थी। इस दौरान शारीरिक रूप से निवेदिता इतनी अक्षम हो गई कि लगभग साल भर बिस्तर पर रही।
अपनी जीवटता से किया सबको हैरान
CBSE 12वीं का एग्जाम पास करने वाली निवेदिता की जीवटता और पढ़ाई के प्रति समर्मण से लोग बहुत प्रभावित हैं। जिस तरह से उसने अपने आपको संभाला, जबकि वह बिना किसी हेल्पर के आज भी नहीं चल सकती। हाथ से लिख नहीं सकती, उसे लिखने के लिए भी एक मददगार की जरूरत पड़ती है। उसके सफल परिणाम को देखकर सभी परिजन, आसपास के पड़ोसी हैरान है।
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मां ने किया संघर्ष उसकी याद्दाश्त लाने में
निवेदिता चौधरी ने अपनी इस सफलता का श्रेय अपनी मां को दिया। निवेदिता चाहती है कि वह फैशन डिजायनिंग के क्षेत्र में काम करे। निवेदिता की मां नलिनी चौधरी के मुताबिक उनकी दुनिया का यूं ही अचानक एक पल में उजड़ गई। जब पति की मौत हो जाना, बेटी अस्पताल में कोमा में चली गई और बेटा कॉलर बोन के टूट जाने से दर्द से तड़प रहा था। बड़ी मुश्किल से खुद को संभाला। नलिनी चौधरी दुर्घटना से पहले आर्मी स्कूल में पढ़ा रही थीं। लेकिन पति की मौत के बाद उसकी जगह सीसीएसयू में एकाउंटेंट की नौकरी मिल गई। इसके साथ ही दुनिया की सलाह की परवाह किए वगैर नलिनी चौधरी ने अपनी बेटी को व्हीलचेयर पर होने के बाबजूद घर बैठकर पढ़ाया। अपनी दोंनो जिम्मेदारियां निभाते हुए उन्होंने उसे 12 वीं के एग्जाम के लिए मानसिक रूप से मजबूत बनाया।
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