career: देश में इस समय कुश्ती की लड़ाई जंतर – मंतर तक पहुंच गई है। लगातार पहलवानों के द्वारा इसके वर्तमान अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह पर तरह – तरह के आरोप लगाए जा रहे हैं। ऐसे में अब तमाम लोग है जो यह जानना चाहते हैं0. कि उनका बच्चा आखिर कुश्ती में कैसे करियर को बना सकता है। इसके लिए उन्हें अपने बच्चों का दाखिला किसी स्कूल में करवाना होगा या फिर किसी अखाड़े में जाकर ही कुश्ती को सीखा जा सकता है। आज के समय में देश के बहुत से ऐसे पहलवान है जो बिल्कुल ही गरीब घर के थे लेकिन उन्हें देश के साथ – साथ विदेशों में जाकर मेडल जीतें है। ऐसे में आइए आज कुश्ती में करियर बनाने से जुड़ी जानकारी के बारे में जानते हैं।
स्कूल में नहीं अखाड़े में लेना होता है एडमिशन
अगर आप पहलवान बनना चाहते हैं तो आपको किसी स्कूल में दाखिला लेने की जरूरत नहीं है बल्कि आपको एक अच्छा अखाड़ा खोजना चाहिए। ऐसे में आखड़े का निर्धारण यह देखकर किया जाता है की वहां के पहलवान ने कितने मेडल को जीता है। आज के समय में जिस अखाड़े के पहलवान ने जितना अधिक मेडल को जीता होगा उतना ही अच्छा उसका नाम होगा। इसके साथ ही उस अखाड़े में जाकर यह भी देखना चाहिए की क्या इसके लिए नई चीजें सिखाई जा रही हैं या फिर पुरानी तकनीक पर कुश्ती सिखाया जा रहा है। एक अच्छे अखाड़े पहलवानों को कई तरह की सुविधा दी जाती है। जैसे – मैट की व्यवस्था, ऐसी की व्यवस्था भी पहलवानों को दी जाती है। अखाड़े अंदर जिम का होना भी जरुरी है।
कोच और उम्र की है महत्वपूर्ण भूमिका
अगर आप अपने बच्चे को पहलवानी सिखाने जा रहे हैं तो यह जरूर ध्यान रखें की उसका कोच कैसा है। अगर कोच अच्छा होगा तो बच्चा बेहतर तरीके से इसको सिख सकता है। आज के समय में बहुत से ऐसे पहलवान है जिन्होंने खुद का एक अखड़ा खोल रखा है जहां जाकर आसानी से इसमें दाखिला लिया जा सकता है। वहीं अगर इसमें दाखिला के लिए उम्र की बात करें तो कम से कम 13 साल होनी चाहिए। बच्चे के अंदर किसी भी तरह की बीमारी नहीं होनी चाहिए। बच्चा फुर्तीला हो तभी उसे कुश्ती के लिए भेजें। आज के समय में भारत में बहुत से अखाड़े हैं जहां बच्चे अपना करियर बना सकते हैं।
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