एजुटेक सेक्टर के चर्चित स्टार्टअप BYJU’S का कर्जदाताओं के साथ विवाद बढ़ता जा रहा है। बायजूस को 1.2 अरब डॉलर के कर्ज पर ब्याज की किस्त का पेमेंट करना था लेकिन कंपनी ने इस कर्ज की अदायगी रोकने का फैसला किया है। साथ ही कर्जदाताओं के खिलाफ कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है।
क्या है मामला?
बायजूस ने 1.2 अरब डॉलर के टर्म लोन बी (TLB) के एक्सलेरशन को खिलाफ न्यूयॉर्क के सुप्रीम कोर्ट में शिकायत दर्ज की है। बायजूस का आरोप है कि कर्जदाताओं ने नियम विरुद्ध रणनीति पर काम किया है। एक बयान जारी करते हुए बायजूस ने बताया कि उसने न्यूयॉर्क के सुप्रीम कोर्ट में कर्ज को लेकर एक शिकायत दर्ज करायी है। जब तक कोर्ट से विवाद का फैसला नहीं हो जाता, तब तक कंपनी ब्याज या कर्ज का कोई और भुगतान नहीं करेगी। बायजूस का दावा है कि इस विवाद के बावजूद उसकी वित्तीय स्थिति सुदृढ है और कंपनी के पास काफी कैश रिजर्व है।
आईपीओ लाने की तैयारी
लोन विवाद के कारण बायजूस ने ब्याज सहित अपने टर्म लोन बी (TLB) के भुगतान को स्थगित करने का निर्णय लिया है। बायजूस अपनी सहयोगी कंपनी आकाश एजुकेशन सर्विसेज लिमिटेड का आईपीओ लाने की तैयारी कर रही है। यह आईपीओ अगले साल तक आ सकता है।
कामयाबी और विवादों का साथ
बायजूस कर्जदाताओं से अपना लोन रिस्ट्रक्चर कराने का प्रयास कर रहा है। हाल ही में बायजूस के दफ्तर की फॉरेन एक्सचेंज पॉलिसी के उल्लंघन के मामले में छानबीन हुई थी। साथ ही कंपनी वित्तीय खातों को लेकर भी खबरों में है। साल 2015 में बायजूस की स्थापना अध्यापक रहे बायजूस रविंद्रन ने की थी और कुछ ही वर्षों में यह देश का सबसे वैल्यूएबल स्टार्ट अप बन गया। इस दौरान शिक्षा के डिजिटाइजेशन और लॉकडाउन की वजह से बायजूस का कारोबार खूब बढ़ा।