PhD Admission 2023: पीएचडी एडमिशन को लेकर यूजीसी ने नियमों में बदलाव किए हैं। अगर आप भी पीएचडी में एडमिशन लेना चाहते हैं तो इन नियमों को जान लें। हर यूनिवर्सिटी में एडमिशन के लिए अलग प्रावधान हैं। बनारस हिन्दू विश्वविद्याल, दिल्ली विश्वविद्यालय और आंबेडकर विश्वविद्यालय के पीएचडी कार्यक्रमों के लिए नए नियमों के बारे में जानते हैं।
सेंट्रल यूनिवर्सिटी में एडमिशन के लिए सीयूईटी यूजी के एग्जामों का समापन हो गया है। बहुत जल्द इसके लिए आंसर की जारी कर दी जाएगी। हालांकि सीयूईटी पीजी के एग्जाम अभी जारी है। वहीं अगर आप भी पोस्ट ग्रेजुएट (पीजी) के बाद पीएचडी में एडमिशन लेना चाहते हैं तो इसके लिए नई शिक्षा नीति के तहत नियमों में बदलाव किए गए हैं। नई शिक्षा नीति 2020 के तहत शिक्षा में कई तरह के बदलाव किए जा चुके हैं।
दिल्ली विश्वविद्यालय
डीयू में पीएचडी करने के इच्छुक उम्मीदवारों को सीयूईटी के जरिए ही एडमिशन मिलेगा। दिल्ली विश्वविद्यालय देश के प्रतिष्ठित शिक्षा संस्थानों में से एक है। डीयू में एडमिशन के लिर साल लाखों छात्र रजिस्ट्रेशन कराते हैं। डीयू के यूजी कोर्स में एडमिशन केलिए रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। यूनिवर्सिटी में दाखिला अब सीयूईटी एग्जामों के जरिए ही होता है। डीयू में रजिस्ट्रेशन के लिए उम्मदीवारों को 700 रुपय राशि का भुगतान करना होगा।
बीएचयू में पीएचडी एडमिशन
बीएचयू के वाइस चांसलर के सामने एक प्रस्ताव रखा गया है। जिसमें कहा गया है कि बीएचयू के पीएचडी प्रोग्राम में एडमिशन रिस्र्च एंट्रेंस टेस्ट की जगह सीयूईटी के जरिए लिया जाए। जो भी उम्मीदवार इस परीक्षा में पास होते हैं, उन्हीं को एडमिशन प्रक्रिया के लिए बुलाया जाएगा।
आंबेडकर यूनिवर्सिटी
सीयूईटी 2023: आंबेडकर यूनिवर्सिटी में इसी सत्र से सीयूईटीके माध्यम से पीएचडी में एडमिशन की बात कही गई है। बता दें आंबेडकर में 19 पीएचडी प्रोग्राम है जिनमें 250 सीटें हैं। इन 250 सीटों पर होंगे एडमिशन। एडमिशन से जुड़ी अन्य जानकारी के लिए अभ्यर्थी यूनिर्वसिटी की आधिकारिक वेबसाइट से पूरी जानकारी ले सकतें हैं।
क्या कहते हैं नए नियम
नई शिक्षा नीति 2020 के तहत शैक्षणिक पाठ्यक्रमों में कई तरह के बदलाव के किए गए हैं। उनमें से एक बदलाव ये भी है कि जो भी अभ्यर्थी यूजी के बाद सीधा पीएचडी करना चाहते हैं। उन्हें चार साल की ग्रेजुएशन में कम से कम 75 प्रतिशत अंको के साथ पास करना अनिवार्य है। ऐसा करने पर छात्र पीएचडी प्रोग्राम के लिए एलिजिबल होंगे और उन्हें आगे की प्रक्रिया के लिए बुलाया जाएगा।
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