Career in Law: प्रोफेशनल कोर्स लॉ (Professional Course Law) करने के बाद बढ़ती प्रतिस्पर्धा की दौड़ में करियर बनाना इतना आसान नहीं है। सच यह है कि एक बार वकील बन जाने के बाद भी आपको उसमें बने रहने के लिए तरह-तरह की चीजें सीखना व पढ़ना पड़ता हैं। वर्तमान समय में law करने के बाद अपनी पसंद के अनुसार, सिविल, टैक्स, क्रिमिनल, कॉरपोरेट क्षेत्रों में करियर बनाया जा सकता है। मालूम हो कि इन क्षेत्रों के हर गतिविधि में कानून के जानकारों (Experts in Law) की आवश्यकता देखी जा रही है। इसके अलावा ऐसे कई सरकारी नौकरियां है, जहां लॉ की बंपर डिमांड देखी गई है। आलम यह है कि नए दौर में कानून के जानकारों के लिए Corporate Work Culture बढ़ता जा रहा है। यहां पर कई हाई पेइंग Career ऑप्शन हैं।
सरकारी से लेकर प्राइवेट तक सभी जगह हैं करियर बनाने के मौके
आपको बता दें कि वैश्वीकरण के कारण हर क्षेत्र में विधि और कानून से जुड़े जानकारों की मांग बढ़ी है, चाहे वो लॉ फर्म हो, पब्लिक सेक्टर अंडरटेकिंग, प्राइवेट सेक्टर अंडरटेकिंग, सेलेब्रटी हो या बिज़नेस टाइकून सभी को विधि परामर्शी की जरूरत पड़ रही है। ऐसे में पात्र अभ्यर्थियों के लिए इस सेक्टर में नौकरियां ढ़ेर सारी है। Law करने के बाद आप एडवोकेट के तौर पर प्रैक्टिस कर सकते हैं। लीगल एनालिस्ट के तौर पर खुद को स्थापित कर सकते हैं। लीगल जर्नलिस्ट (Legal Journalist) के पद पर आप कार्य कर मीडिया का हिस्सा बन सकते हैं। लीगल एडवाइजर (Legal Advisor) के तौर पर किसी भी उद्योगपति, कंपनियां, नेता तथा संस्थाओं में सेवा दे सकते हैं। यहां आपका कार्य इन सभी के न्यायिक अड़चनों के लिए समाधान निकालना होता है। सरकारी वकील बनकर आप Government और उसके विभिन्न विभागों के लिए केस लड़ सकते हैं। लेकिन, ये तभी संभव होगा, जब आप Bar Council की परीक्षा पास कर लेते हैं। कुल मिलाकर कहा जाए तो इस सेक्टर में नौकरी की टेंशन नहीं है। आप लॉ की डिग्री प्राप्त करने के बाद जुडिशल सर्विस और Public Service Commission आदि में भी कार्य करने के पात्र होते हैं। जानकारों की मानें तो ये सभी सुपर स्पेशलाइज्ड फील्ड (Super Specialized Field) है।
वकालत पढ़ने के बाद और प्रेक्टिस से पहले यह जरूरी
मालूम हो कि एक वकील अपने क्लाइंट को कायदे कानून के अनुसार राह दिखाते हैं। कानूनी पेपर तैयार करने से लेकर कोर्ट में अपने क्लाइंट के लिए बहस भी करते हैं। किसी भी Advocate को भारत के संविधान (Constitution) के अनुसार ही कार्य करना होता है। वे संविधान में बताए गए नियमों के अनुसार ही अपने क्लाइंट को न्याय दिलाने में जुटे होते हैं। जानकारी के लिए बता दें कि लॉ की डिग्री प्राप्त करने के बाद आप सीधे तौर किसी भी कोर्ट में Advocacy नहीं कर सकते हैं। इसके लिए आपको एलएलबी की डिग्री (LLB Degree) मिलने के बाद स्टेट बार काउंसिल (State Bar Council) में Enroll कराने की आवश्यकता होती है।
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