Armenia-Azerbaijan Conflict: दुनिया में रूस और यूक्रेन युद्द के अलावा भी कई देशों के मध्य आपसी तनाव का माहौल बना हुआ है। हम बात कर रहे हैं आर्मेनिया और अजरबैजान की। इन दोनों ही देशों के बीच सीमा विवाद का मुद्दा संघर्ष के दौर से गुजर रहा है। दोनों देशों के बीच ये मामला खूनी और हिंसक झड़पों में बदल चुका है। मामला इतना गंभीर है कि दोनों तरफ से सैनिकों के बीच भारी गोलीबारी की जा रही है। ऐसे में बताया जा रहा है कि दोनों देश अमेरिका में अपने संघर्ष को सुलझाने के लिए एक अहम मुलाकात करेंगे।
लाचिन कॉरिडोर पर संघर्ष
खबरों की मानें तो अजरबैजान ने आर्मेनिया के नागोर्नो-काराबाख को आपस में जोड़ने वाला लाचिन कॉरिडोर को बाधित कर दिया है। इसके बाद हालात और बिगड़ गए। ऐसे में दोनों देश एक-दूसरे पर अधिक आक्रामक होने का आरोप लगाने लगे। अजरबैजान ने आर्मेनिया ने अप्रैल महीने की 11 तारीख को एक-दूसरे पर बड़ा हमला किया, जिसमें 7 जवानों की मौत हो गई।
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क्या है लाचिन कॉरिडोर को लेकर विवाद
आपको बता दें कि लाचिन कॉरिडोर आर्मेनिया के नागोर्नो-काराबाख का एक अहम मार्ग है। ऐसे में ये क्षेत्र अजेरी मार्ग से होकर गुजरता है। वहीं, रूस से अलग होने के बाद आर्मेनिया और अजरबैजान दोनों ही देशों ने नागोर्नो-काराबाख पर अपना-अपना दावा किया। इस हिस्से को फिलहाल अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर अजरबैजान से मान्यता प्राप्त है।
भारत ने दी ये सलाह
उधर, दोनों देशों के बीच चल रहे इस युद्ध को रोकने के लिए भारत ने एक खास सलाह दी थी। भारत ने दोनों देशों को कहा था कि वह बातचीत से इस संघर्ष को खत्म करें। सीमा विवाद को समाप्त करने के लिए कूटनीतिक स्तर पर कोई स्थाई हल निकाला जाए।
इस पर भारतीय विदेश मंत्रालय ने कहा कि हम आर्मेनिया और अजरबैजान को सीमा विवाद को बातचीत और कूटनीतिक से हल किया जाना चाहिए। सीमा विवाद को सैन्य समाधान से नहीं बल्कि शांतिपूर्ण तरीके से वार्ता के जरिए सुलझाया जाना चाहिए।
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