Antarctica: दुनिया का वो आखिरी छोर जहां करोड़ों साल से नहीं हुई बारिश ?

Antarctica:अंटार्कटिका दुनिया का वो हिस्सा है जिसे दुनिया का आखिरी छोर भी कहा जाता है। उस महाद्धीप के बारे में लोगों की बहुत सी मान्यताएं, बहुत सी कहानियां हैं.
अंटार्कटिका के बारे में यह सच और साइंटिफिक बाते हैं। दुनिया में मौजदू सात महाद्धीपों में अंटार्कटिका सबसे ठंड़ी द्धीप है। इसका 98 प्रतिशत हिस्सा बर्फ से ढ़का हुआ है।
इसके बारे मे कहा जाता है कि इस पर दो किलोमीटर मोटी बर्फ की परत फैली है। यह दक्षिणी ध्रुव पर है और यहां बहुत तेज हवाएं चलती हैं। यहां का तापमान हमेशा
चार डिग्री से नीचे रहता है। इसलिए यहां घूमना फिरना आसान नहीं होता है। इसी को दुनिया का आखिरी छोर भी कहा जाता है।

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अंटार्कटिका को दुनिया का सबसे बड़ा रेगिस्तान भी कहा जाता है

अब आप सोच रहे होंगे जिस जगह पर बर्फ की इतनी मोटी परत जमी रहती हो उसे रेगिस्तान कैसे कहा जा सकता है। इसके टेक्निकल पॉइंट को
समझना होगा। रेगिस्तान दरअसल उसे कहा जाता है जहां साल भर में 25 सेंटीमीटर 9.8 इंच से कम बारिश हो। यह परिभाषा बहुत से वैज्ञानिक मानते हैं। उन में
फ्रांस की यूनिवर्सिटी ऑफ ग्रेनोबल में मौसम विज्ञानी और क्लाइमेटोलॉजिस्ट जोनाथन विली भी इस परिभाषा का समर्थन करते हैं। कुछ वैज्ञानिकों की माने तो अंटार्कटिका
के कुछ इलाके में तो 1.40 करोड़ साल से बारिश की एक बूंद तक नहीं गिरी है। जोनाथन विली तो यहां तक कहते हैं कि अंटार्कटिका मैक्मुर्डो ड्राई वैली ऐसा इलाका है जहां करोड़ों सालों से वर्षा नहीं हुई है। यहां माइक्रोब्स मोसेस लाइकेन्स पाये जाते हैं जो इस ठंड को बर्दाश्त नहीं कर पाते हैं।

6 महीने तक 6 महीने तक रहती है रात

अंटार्कटिका दुनिया का पहला हिस्सा से जहां केवल 6 महीने के लिए दिन रहता है तो 6 महीने के लिए रात रहती है। इस जगह पर सिर्फ दो मौसम पाये जाते हैं।
पहला है शर्दी का मौसम और दूसरा गर्माी का मौसम पाया जाता है। यहां गर्मियों में 6 महीने तक उजाला ही उजाला रहता है और शर्दियों में 6 महीने तक अंधेरा ही
अंधेरा रहता है। यह द्धीप 6 महीने उजाले तो 6 महीने अंधेरे में डूबा रहता है।

विंसन मैसिफ

अंटार्कटिका की सबसे ऊंची चोटी करीब 4892 मीटर ऊंची है जिसका नाम विंसन मैसिफ है। यह चोटी पर्वतारोहियों को अपनी
तरफ खूब आकर्षित करती है। भारत की पदमश्री डॉ. अरूणिमा सिन्हा इस चोटी की फतह कर इस पर भारत का तिरंगा लहरा चुकी है। यह द्दीप अंटार्कटिक
प्रायद्दीप से 160 किलोमीटर उत्तर में है जहां लोग अंनुसंधान के लिए भी जाते हैं। यहां पेंगुइन भी अधिक मात्रा में पायी जाती हैं।

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