Agnipath Scheme: मोदी सरकार की महत्वाकांक्षी योजना अग्निपथ योजना पर रोक लगाने वाली सभी याचिकाओं को दिल्ली उच्च न्यायलय ने खारिज कर दिया है। दरअसल, सोमवार, 27 फरवरी को दिल्ली हाईकोर्ट ने अग्निपथ योजना पर रोक लगाने से साफ इनकार कर दिया। हाईकोर्ट ने सभी 23 याचिकाओं को खारिज करते हुए कहा कि योजना में दखल देने की कोई भी वजह नहीं है।
कोर्ट ने मांग को किया खारिज
कोर्ट ने कहा कि इस योजना का उद्देश्य देश की सेना को बेहतर तरीके से तैयार करना है, ये देश हित में है। वहीं, कोर्ट ने पुरानी नीति के तहत सेना में भर्ती की मांग करने वाली याचिका को भी कोर्ट ने खारिज करते हुए कहा कि ये बिल्कुल भी सही नहीं है।
दिल्ली हाईकोर्ट ने फैसला रख लिया था सुरक्षित
दिल्ली हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस सतीश चंद्र शर्मा की अगुवाई में जस्टिस सुब्रमण्यम प्रसाद की बेंच इस मामले की सुनवाई कर रही थी। हाईकोर्ट ने इस मामले में सभी याचिकाओं और केंद्र सरकार के पक्ष को 15 दिसंबर 2022 तक सुनने के बाद फैसले को सुरक्षित रख लिया था। इसके बाद हाईकोर्ट ने कहा था कि अगर अब किसी को कोई भी आपत्ति है तो अपनी दलीलों को लिखित में दायर करें।
कब शुरु हुई अग्निपथ स्कीम
अग्निपथ स्कीम को पिछले साल 14 जून 2022 को लाया गया था। इस योजना के तहत सशस्त्र बलों में युवाओं को भर्ती किए जाने का नियम बनाया गया था। इसके तहत साढ़े 17 साल से लेकर 21 साल तक के युवा ही इसमें आवदेन कर सकते हैं। उन्हें 4 साल के लिए ही भर्ती किया जाएगा। वहीं, स्कीम के तहत 25 फीसदी अग्निवीरों को नियमित किया जाएगा। सरकार के इस ऐलान के बाद देश के कई राज्यों में युवाओं ने भारी विरोध-प्रदर्शन शुरु कर दिया। स्कीम के भारी विरोध के बाद सरकार ने आयु सीमा को बढ़ाकर 21 से 23 साल कर दिया था।
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