Child Adoption: दत्तक पुत्र की प्रथा भारत में आज से नहीं प्राचीन काल से रही है। इसका बहुत सी किताबों में वर्णन भी मिलता है। इस प्रथा को अंग्रेजों ने ख़त्म करने की कोशिश की थी। उन्होंने झांसी की रानी के बेटे को उसका वारिश मानने से इंकार कर दिया था। खेर! यह सब तो इतिहास की बातें है। उस जमाने में जबान से किसी को बेटा मान लेने से भी काम चल जाता था। आज लेकिन ऐसा बिल्कुल भी नहीं है। आज अगर किसी को भी बच्चा गोल लेना होता है तो उसको इस प्रक्रिया से गुजरना ही होता है। उसके लिए भारत सरकार ने कुछ नियम भी बनाये हैं। बच्चा लेने वाले के लिए कुछ शर्ते भी हैं।
बच्चा गोद लेने के लिए शर्ते क्या हैं।
1. भारत में बच्चा लेना जरूरी नहीं की यहीं का नागरिक हो। एनआईआई और विदेशी भी भारत में किसी बच्चे को गोद ले सकता है।
2. यह भी जरूरी नहीं की बच्चा गोद लेने वाला कोई स्त्री या पुरूष ही हो। बिना विवाहित आदमी भी किसी बच्चे को चाहे तो गोद ले सकता है।
3. अगर कोई शादी शुदा जोड़ा बच्चा गोद लेता है तो उसे कम से कम अपनी दो साल की शादी सफल दिखानी होगी।
4. यह बात बहुत जरूरी है कि जो बच्चा गोद ले रहा है उसकी मानसिक व शारीरिक स्थिति स्वस्थय हो।
5. गोद लेने वाला बच्चे का पालन पोषण आर्थिक रूप से सही कर सके।
6. अगर पहले से ही तीन बच्चे हैं तो कुछ खास कारणों से पहले आप बच्चा नहीं ले सकते।
7. सिंगल पेरेंट में महिला किसी भी लिंग के बच्चे को गोद ले सकती है लेकिन पुरूष लड़की को गोद नहीं ले सकता है।
8. सिंगल पेरेंट अगर बच्चा लेना चाहे तो उसकी उम्र 55 से कम होनी चाहिए।
बच्चा गोद लेने की प्रक्रिया क्या है?
1. बच्चा गोद लेने के लिए भारतीय नियोजन संस्था और विशेष दत्तक ग्रहण में पजीकरण करना होता है।
2. बच्चा गोद लेने वाले के घर जाकर देखा जाता है कि वो इस काबिल है कि नहीं।
3. बच्चा गोद देने से पहले बच्चे के मां बाप को जानकारी दी जा सकती है। अगर वो चाहें तो गोद लेने वालें के साथ कुछ दिन रहकर भी देख सकते हैं।
4. एक वकील की मदद से क़ानूनी कागजात पूरे करने होते हैं।
5. इस जुड़े मामले अदालत में बंद कमरे में होते हैं। जहां पर बच्चा गोद लेने वाले माता पिता को बच्चे के नाम पर धनराशि करनी पड़ती है।
इसके अलावा ज्यादा जानकारी के लिए भारतीय नियोजन संस्था से संपर्क किया जा सकता है।
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