Who is Absconder: 36 दिनों से फरार चल रहा अमृतपाल सिंह अब पुलिस की गिरफ्त में आ चुका है। लंबे समय से पुलिस को अमृतपाल की तलाश थी और पुलिस ने उसे भगोड़ा घोषित कर दिया था। लेकिन, क्या आप जानते हैं कि कोई भगोड़ा कब घोषित किया जाता है? इसको लेकर कानून का क्या कहना है ? आइए आसान भाषा में समझते हैं।
कब किसी को भगोड़ा किया जाता है घोषित
अगर किसी आरोपी के खिलाफ कोर्ट की ओर से गैर जमानती वारंट जारी हो जाता है और कोर्ट के बार-बार नोटिस और समन भेजने के बाद भी आरोपी कोर्ट में या पुलिस के सामने पेश नहीं होता, तो CrPC की धारा 82 के तहत आरोपी को फरार घोषित किया जाता है। भले ही आम भाषा में ऐसे व्यक्ति को ‘भगोड़ा’ कहा जाता हो, लेकिन कानून की भाषा में इसे ‘फरार व्यक्ति की उद्घोषणा’ शब्द इस्तेमाल किया जाता है।
किस अपराध पर घोषित किया जाता है भगोड़ा
इसके तहत बेनामी लेन-देन करना, मनी लॉन्ड्रिंग, टैक्स की चोरी करना, नकली सरकारी स्टाम्प या करंसी तैयार करना, लेन-देन के मामले में धोखाधड़ी करने जैसे कई मामले आते हैं। CrPC की धारा 83 के अनुसार किसी आरोपी को भगोड़ा घोषित करने के बाद अदालत की ओर से कभी भी आरोपी की संपत्ति को कुर्क करने का आदेश जारी किया जा सकता है।
आरोपी के पास क्या हैं विकल्प ?
भगोड़ा घोषित होने के बाद आरोपी विशेष अदालत के फैसले के खिलाफ हाई कोर्ट में अपील कर सकता है। विशेष अदालत के आदेश के 30 दिन के भीतर हाई कोर्ट में अपील करनी होती है। अगर आरोपी देरी से अपील करता है तो उसे इसकी वजह बतानी होती है। वरना उसकी अपील रद्द कर दी जाती है।