National Reading Day: विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) आगामी 19 को नेशनल रीडिंग डे और पूरे महीने रीडिंग मंथ के तौर पर मनाने की तैयारियों में जुटा है। इसे लेकर यूजीसी ने सभी यूनिवर्सिटीज को पत्र लिखा है। इस पत्र में रीडिंग को लेकर जागरुकता बढ़ाने के साथ कई कार्यक्रमों के आयोजन की बात कही गई है। इसके तहत देश भर के सभी शैक्षणिक संस्थाओं में रीडिंग से जुड़ी कई प्रतियोगिताएं और गतिविधियां आयोजित करायी जाएंगी। ये कार्यक्रम ऑफलाइन और ऑनलाइन दोनों ही तरीकों से होंगे। जिनमें सेमिनार, वाग्मिता (Elocution), निबंध लेखन, सामूहिक दौड़ जैसी प्रतियोगिताएं शामिल हैं। यह आयोजन यूजीसी और पी.एन. पणिकर फाउंडेशन द्वारा किया जाएगा।
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नई शिक्षा नीति में रीडिंग पर जोर
नेशनल एजुकेशन पॉलिसी 2020 के तहत पढ़ने की क्षमता को बढ़ावा देने की बात कही गई है। कई रिसर्च से यह ज्ञात हुआ है कि रीडिंग से न केवल ज्ञान बढ़ता है अपितु इससे सोचने, समझने की क्षमता, अभिव्यक्ति, विचारों में खुलापन और एकाग्रता भी बढ़ती है। इससे लेखन कौशल भी सुधरता है।
रीडिंग डे का इतिहास
नेशनल रीडिंग डे 19 जून को मनाया जाता है। इसकी शुरुआत 1996 में की गई थी। दरअसल 19 जून को लाइब्रेरी मूवमेंट के जनक पीएन पणिकर का निधन हुआ था। उनके सम्मान में इस दिवस को रीडिंग डे के तौर पर मनाया जाता है। साल 2004 में भारत सरकार द्वारा उनके सम्मान में डाक टिकट जारी किया था। 2017 में पीएम मोदी ने नेशनल रीडींग डे/मंथ की शुरुआत की थी।
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