जानिए! क्या है ग्रीन रेलवे और भारत में कब से चलेंगी ग्रीन ट्रेनें, इतने जोन हो चुके हैं पूरी तरह इलेक्ट्रिफाइड

Green Railway: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट 2023 (Budget 2023) की घोषणाओं का ऐलान करते हुए ग्रीन रेलवे (Green Railway) का जिक्र किया था। वित्त मंत्री इसको लेकर यह भी कहा था भारतीय रेलवे साल 2030 तक नेट जीरो कार्बन उत्सर्जन का लक्ष्य हासिल कर पूरी तरह से विश्व का ग्रीन रेलवे ( World First Green Railway ) बन जाएगा। ऐसे में हम आपको ग्रीन रेलवे के बारे में बताने वाले हैं। तो चलिए शुरू करते हैं।

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बजट 2023 में हुई थी ग्रीन रेल की घोषणा

बजट 2023 में हुई घोषणाओं के बाद रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कहा था कि “जल्द ही देश में पहली ग्रीन हाइड्रोजन ट्रेनें चलने लगेगी”। इसको लेकर वित्त मंत्री ने बजट 2023 में रेलवे को 2.4 लाख करोड़ रुपये दिए हैं। इसके एवज में भारतीय रेलवे नेट जीरो कार्बन उत्सर्जन का लक्ष्य आने वाले साल 2030 तक पूरा कर दुनिया में पहला देश बनना है।

ग्रीन रेल क्या है

यहां पर ग्रीन रेलवे का मतलब हरे रंग से नहीं बलकि इसे ग्रीन एनर्जी यानी हाइड्रोजन से चलने वाली ट्रेनों से जोड़ा जा रहा है। हाईड्रोजन ट्रेन हाइड्रोजन गैस से चलने वाली रेलगाड़ियां होती हैं और ये ट्रेनें बहुत ही प्रदूषण करती है। इसके साथ ही इन ट्रेनों के संचालन में ज्यादा आवाज भी उतपन्न नहीं होती है जिससे शोर काफी कम होता है। इनका संचालन हाइड्रोजन और ऑक्सीजन के मिलने के बाद बनी ऊर्जा से चलाना है। ये रेलगाड़िया 140 किमी/घंटा की अधिकतम स्पीड पर चल सकती हैं। इन ट्रेनों के चलने से देश में बिजली और डीजल की बचत कर इन्हें दूसरे कामों में इस्तेमाल किया जा सकता है।

इतना हो चुका है भारतीय रेलवे में विद्युतीकरण

आपको बता दें कि फिलहाल रेलवे प्रदूषण को कम करने के लिए अपने सभी जोन में विद्युतीकरण पर जोर दे रहा है। जिसके बाद साल 2014 से रेलवे में इसका 10 गुना विस्तार किया है। मौजूदा समय में भारतीय रेलवे में कुल जोन की संख्या 18 हैं, जिसमें से 6 रेल जोन उत्तर पूर्व रेलवे, ईस्ट कोस्ट रेलवे, उत्तर मध्य रेलवे, पूर्व रेलवे, दक्षिण पूर्व रेलवे और पश्चिम मध्य पूरी तरह से इलेक्ट्रिफाई हैं। इसके साथ ही  झांसी-मुजफ्फरपुर-कटनी रेल सेक्शन भी पूरी तरह से इलेक्ट्रिफाई हो चुका है इसके अलावा हाल ही उत्तर पूर्व रेलवे का सुभागपुर-पछपेरवा रेल सेक्शन पर इलेक्ट्रिफिकेशन का काम पूरा हुआ है।

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