King Charles III: पिछले साल 8 सितंबर 2022 को महारानी एलिजाबेथ का निधन हुआ। उसके बाद से ही ब्रिटेन की महारानी की जगह उनके बड़े बेटे चार्ल्स को ब्रिटेन के राजा का पद मिल गया। अब चार्ल्स की ताजपोशी की तैयारी शुरू हो चुकी हैं। ब्रिटिश राज घराने ने आधी से ज्यादा दुनिया पर राज किया है। अब भी उनके पास 14 राष्ट्रमंडल देश हैं जिनके राजा के रूप में चार्ल्स की ताजपोशी की जायेगी। इस ताजपोशी को शाही अंदाज में किया जाता है। इस ताजपोशी के कुछ खास नियम व कायदे क़ानून हैं जिनके तहत ही चार्ल्स तृत्तीय को ताज पहनाया जायेगा।
किस चर्च में होगी ताजपोशी
महारानी के निधन के बाद 1760 के बाद पहली बार ऐसा हुआ कि ब्रिटेन के किसी राजा या रानी का अंतिम संस्कार वेस्टमिन्स्टर में हुआ। वेस्टमिन्सटर इसलिए खास माना जाता है क्योंकि यहीं ब्रिटेन के राजा की ताजपोशी होती है। इसी चर्च में किंग चार्ल्स तृत्तीय की ताजपोशी भी होनी है। ब्रिटेन के शाही परिवार का इस चर्च से एक खास रिश्ता है जो उन्होंने हजारों साल से कायम रखा है।
एंग्लिकन चर्च के धार्मिक नेता कैंटबूरी के आर्कबिशप इसी चर्च में राजा या रानी की ताजपोशी कराते है। ताजपोशी कराने के बाद ही नये राजा या रानी का सबसे परिचय कराते हैं।
क्या क्या होता है ताजपोशी में
राजा या रानी चर्च के नियमों के आधार पर शपथ लेते हैं। इस शपथ में वो ब्रिटेन की संसद में बनाये गये या पारित नियमों का पालन करने की कसम खाते हैं। ब्रिटेन के कानूनों का पालन करने की कसम खाते हैं। वह कसम खाते हैं सुशासन और उदारता के साथ क़ानून का पालन करेंगे भी सुनिश्चित करायेंगे भी। उन्हें आश्वासन देना होता है कि एंग्लिकन चर्च और प्रोटेस्टेंट धर्म के संरक्षण के लिए जो भी संभव हो वो करेंगे।
नियम बताता है कि ब्रिटेन के किसी राजा की जब मृत्यु होती है तो सबसे पहले एक्सेशन नाम के परिषद की सेंट जेम्स महल में एक आपातकाल बैठक होती है। इसी बैठक में आधिकारिक रूप से नये उत्ताराधिकारी को गद्दी सौंपने की घोषणा की जाती है। उत्तराधिकारी के चयन के बाद उससे लॉर्ड्स स्पिरिचुअल और टेम्पोरल ऑफ दिस रेल्म के प्रति एक पवित्र शपथ दिलाई जाती है और चर्च ऑफ स्कॉटलैंड के संरक्षण का वादा किया लिया जाता है। क्वीन एलिजाबेथ के मरने के बाद भी इसकी प्रक्रिया से चार्ल्स तृत्तीय को उत्तराधिकारी चुना गया है।
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