Caste Discrimination: संयुक्त राज्य अमेरिका के उत्तरी शहर सिएटल की दुनिया सराहना कर रही है। सिएटल जातिवाद भेदभाव (Caste Discrimination) को खत्म करने वाला दुनिया का पहला शहर बन गया है। इस मामले में सिएटल शहर के स्थानीय परिषद ने भेदभाव-विरोधी कानूनों में जाति को भी शामिल करने के लिए वोटिंग की है। सिएटल के स्थानीय परिषद द्वारा उठाए गए इस कदम की यूएस समेत हर तरफ चर्चा हो रही है और इस मामले की सराहना हो रही है।
इस कानून पर क्या है लोगों की राय
बता दें कि यह अध्यादेश एक विवादास्पद मुद्दा है। कुछ लोगों का मानना है कि आज के समय में इस तरह के कानूनों की काफी जरूरत है क्योंकि जाति मौजूदा नागरिक अधिकारों की सुरक्षा में नहीं आती। वहीं कुछ लोगों का मानना है कि इस तरह के कानून उच्च जाति या विशेष वर्ग को बदनाम करेंगे और ऐसे कानून पूर्वाग्रह से प्रेरित हैं।
इस फैसले पर भारतीय-अमेरिकी लोगों की राय
प्रवासन नीति संस्थान की मानें तो भारतीयों के लिए अमेरिका दूसरा सबसे लोकप्रिय गंतव्य है। इस संस्थान द्वारा जारी किए गए आंकड़ों के अनुसार साल 2021 में अमेरिका में भारतीयों की संख्या लगभग 2.7 मिलियन है। वहीं एशियन अमेरिकन लीडिंग टुगेदर की रिपोर्ट में कहा गया है कि अमेरिका में लगभग 5.4 भारतीय रहते हैं। वहीं कुछ हिंदू अमेरिकियों ने यह तर्क दिया है कि इस तरह के कानून एक विशिष्ट समुदाय को बदनाम करते हैं। सिएटल सिटी काउंसिल की सदस्या और भारतीय-अमेरिकी नागरिक क्षमा सावंत ने इस कदम की सराहना करते हुए ट्वीट किया है। उन्होंने ट्वीट में लिखा है कि “यह आधिकारिक है। हमारे आंदोलन ने सिएटल में जाति के भेदभाव पर एक ऐतिहासिक जीत हासित की है। अब हमें देश भर में इस जीत को फैलाने के लिए एक आंदोलन बनाने की जरूरत है।
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