Ragging: कैंपस में रैगिंग से बचने के अचूक उपाय, ये कर लिया तो कोई नहीं करेगा परेशान

Ragging: किसी भी स्कूल या फिर कॉलेज में जब बच्चे पहली बार जाते हैं तो उन्हें अकसर अपने सीनियर्स की तरफ से रैगिंग का सामना करना पड़ता है। सीनियर्स के द्वारा जूनियर्स की कई बार इतनी खतरनाक रैगिंग कर ली जाती है । जिसके कारण कई सारे बच्चे आत्महत्या जैसा कदम उठा लेते हैं। ऐसे कई सारे केस भी सामने आते रहते हैं। आपको बता दें, कॉलेज और स्कूल में रैगिंग पर वैसे तो बैन लगा है और ये गैर कानूनी भी है। लेकिन उसके बाद भी लोग नहीं मानते हैं और मुलाकात के नाम पर अपने जूनियर्स की रैगिंग करते हुए अकसर उनका शोषण करने लगते हैं।

रैगिंग पर क्या कहता है कानून?

अगर आपके अंदर भी रैगिंग को लेकर डर है तो आपको बता दें, हमारे देश में रैगिंग को रोकने के लिए एक अलग से कानून बना हुआ है। आपको बता दें, भारतीय कानून इंडियन पेनल कोड में हायर एजुकेशनल इंस्टीट्यूशंस में रैगिंग की रोकथाम के लिए यूजीसी रेगुलेशन्स, 2009 के लॉज़ और नियमों को बनाया गया है। जो लोग भी रैगिग करके अपने जूनियर्स का शोषण करते हैं उनके ऊपर इन कानूनों के तहत कार्रवाही की जा सकती है।

कॉलेज में रैगिंग से कैसे बचे?

अगर कॉलेज में आपका शोषण हो रहा है तो आप एंटी-रैगिंग हेल्पलाइन पर ईमेल helpline@antiragging.in पर जाकर शिकायत दर्ज करा सकते हैं।

रैगिंग की शिकायत छात्र सेंटर फॉर यूथ से इस मोबाइल नंबर +91 98180 44577 पर शिकायत दर्द करा सकते हैं।

छात्र  24×7 टोल फ्री हेल्पलाइन नंबर 1800-180-5522 पर भी कॉल करके शिकायत दर्ज करा सकते हैं।

यूजीसी की वेबसाइट – ugc.ac.in और antiragging.in पर जाकर भी छात्र रैगिंग की शिकायत दर्ज करा सकते हैं। जिस पर तुंरत ही एक्शन लिया जाएगा।

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