MBBS Admission 2023: NMC ने इन कॉलेजों में MBBS में प्रवेश पर लगाई रोक, देखें कहीं आपका भी कॉलेज शामिल तो नहीं!

MBBS Admission 2023

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MBBS Admission 2023: देश के विभिन्न राज्यों में NEET UG काउंसलिंग को लेकर पंजीकरण की प्रकिया चल रही है, तो वहीं कई राज्यों में इसको लेकर तिथि समाप्त हो गई है। देश के कुछ ऐसे मेडिकल कॉलेज हैं, इनमें अभी भी एमबीबीएस नामांकन को लेकर रोक है। मालूम हो कि विभिन्न राज्यों के 159 मेडिकल कॉलेजों में से 9 कॉलेज ऐसे हैं, जिनमें एमबीबीएस कोर्सेस के लिए दाखिला नहीं लिया जा रहा है। संभवत: इन कॉलेजों में एडमिशन को लेकर रोक लगाई गई है। मीडिया रिपोर्ट की मानें तो इन कॉलेजों में MBBS Courses के लिए करीब 1500 सीटें उपलब्ध हैं। इनमें उत्तर प्रदेश और बिहार समेत कई राज्यों के कॉलेज शामिल हैं। आइए इस लेख में जानते हैं कि इसकी प्रमुख वजह क्या है।

इन कॉलेजों में MBBS में प्रवेश पर लगाई रोक

आपको बता दें कि जिन कॉलेजों में एमबीबीएस कोर्सेस में एडमिशन को लेकर रोक लगी है, उनमें प्राइवेट या ट्रस्ट की ओर से संचालित किए जा रहे कॉलेज शामिल है। इनमें तमिलनाडु के दो, पंजाब का एक, महाराष्ट्र का एक, उत्तर प्रदेश का एक, कर्नाटक के दो, बिहार का एक और राजस्थान का एक कॉलेज शामिल हैं। हालांकि, NMC द्वारा देश में संचालित किए जा रहे मेडिकल कॉलेजों का समय-समय पर जांच किया जाता रहा है। इस दौरान कई कॉलेजों में नियम के विपरीत कई कमियां देखने को मिली थी। इसको देखते हुए एनएमसी ने 150 कॉलेजों की या तो मान्यता रद्द कर दी या उन्हें कारण बताओ नोटिस भेजकर जवाब मांगा था। बताया जाता है कि कॉलेजों के मान्यता रद्द किए जाने की पीछे बड़ी वजह ये रही कि इनमें कई कमियां पाई गई थी। उदाहरण के तौर पर इसे समझा जा सकता है। जैसे कि मेडिकल कॉलेजों में पर्याप्त मरीज की संख्या में भारी कमी, पर्याप्त स्टाफ की अनुपलब्धता, कॉलेजों में नए कैमरे और बायोमेट्रिक उपस्थिति-आधारित प्रणाली को लागू ना करने आदि की व्यवस्था।

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मानकों में सुधार करने पर इन मेडिकल कॉलेज को मिली अनुमति

इन मेडिकल कॉलेजों पर एनएमसी की कार्रवाई के बाद मामला चर्चा का विषय बनता गया। हालांकि, एनएमसी या स्वास्थ्य मंत्रालय में अपील के बाद अधिकांश कॉलेजों को फिर से मान्यता देकर आगामी कार्यक्रम के लिए हरी झंडी दे दी गई। इसके पीछ तर्क दिया गया कि इन कॉलेजों ने समय के साथ अपनी कमियों को दूर कर लिया। लेकिन, इस सबके बाद भी अभी भी ये मामला ज्वलंत है। इसके पीछे की बड़ी वजह देश के विभिन्न राज्यों के कुछ मेडिकल कॉलेजों में एमबीबीएस कोर्सेस के लिए नामांकन प्रकिया पर लगी रोक। इसको लेकर बताया जा रहा है कि एनएमसी की सख्त नियमावली। मीडिया रिपोर्ट में प्रकाशित एनएमसी अधिकारी के हवाले से कहा गया है कि, “जो मेडिकल कॉलेज 21 सितंबर को चौथे और अंतिम दौर की काउंसलिंग प्रकिया शुरू होने तक अपनी तमाम कमियों में सुधार कर लेते हैं, उन्हें अभी भी वर्तमान कोर्सेस बैच के लिए विद्यार्थियों के नामंकन चालू करने की अनुमति नहीं दी जाएगी।”

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