Kanpur Admission 2023:कानपुर में यूनिवर्सिटी के दाखिले तो शुरू हो चुके हैं, लेकिन दाखिले के लिए आवेदक ही नहीं है।अप्रैल महीने से ही यूनिवर्सिटी में दाखिले शुरू कर दिए गए थे। करीब दो महीने के बाद भी एडमिशन के लिए छात्र ही नहीं हैं। इसके लिए कानपुर के सभी कॉलेज के टीचरों ने एक योजना बनाई है। जिसके तहत टीचरों की टीमें घर-घर जाकर छात्रों को एडमिशन के लिए बुलाएगी।
क्या है पूरा मामला
दरअसल शहर में कुल 22 अनुदानित(Subsidized) और 143 स्ववित्तपोषित महाविद्यालय (Self Financed)हैं।इनमें से छत्रपति शाहूजी महाराज विश्वविद्यालय, कानपुर, में दाखिले की प्रक्रिया दो महीने पहले ही शुरू कर दी गई थी। जहां केवल 10 प्रतिशत ही दाखिले हुए हैं। एडमिशन को लेकर CSJMU ने अप्रैल से WRN(work ready now) जनरेट करने के लिए ऑनलाइन प्रक्रिया शुरू कर दी थी। इसके बावजूद भी दो महीने से निजी संस्थानों में दाखिले नहीं बढ़ें हैं। यूपी स्ववित्तपोषित महाविद्यालय एसोसिएशन के अध्यक्ष विनय त्रिवेदी ने बताया कि कई कॉलेज ऐसे हैं जहां अभी तक एक भी दाखिला नहीं हुआ है। एडमिशन में कमी के कारण महाविद्यालयों ने शिक्षकों की टीम बनाई है। जो घर घर जाकर छात्रों को एडमिशन के लिए प्रेरित करेंगे।
अध्यापकों की नौकरी पर खतरा
बता दें अगर किसी भी निजी कॉलेज में छात्रों ने एडमिशन नहीं लिया तो, इससे अध्यापकों के सिर पर नौकरी जाने का खतरा मंडराने लगेगा। इसलिए शिक्षकों ने एक मुहिम बनाई है, जिसके तहत वह घर-घर जाकर छात्रों को आगे पढ़ाई के लिए प्रेरित करेंगे और एडमिशन के लिए कॉलेज बुलाएंगे।डिग्री कॉलेज में DBS, DAV जैसे संस्थानों में पिछले साल के मुकाबले छात्रों के प्रवेश की संख्या बढ़ी है। डीबीएस डिग्री कॉलेज के प्राचार्य डॉ. अनिल कुमार मिश्र ने बताया कि दाखिले जरूर ज्यादा हुए हैं, सीट के हिसाब से देखा जाए तो आवेदन संख्या कम है।
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