Comptroller and Auditor General : उत्तर प्रदेश जनसंख्या में काफी बड़ा प्रदेश माना जाता है। उत्तर प्रदेश में कई युवा पढ़ रहे हैं लेकिन क्या आपको पता है कि उत्तर प्रदेश की शिक्षा का काफी बुरा हाल है। देश के Comptroller and Auditor General की रिपोर्ट के अनुसार यूपी के शिक्षा व्यवस्था बहुत ही खराब है। इस रिपोर्ट ने यूपी की शिक्षा व्यवस्था की पोल खोल दी है।
टॉप 100 में नहीं किसी स्टेट यूनिवर्सिटी का नाम
Comptroller and Auditor General की रिपोर्ट के अनुसार इसमें खुलासा किया है कि, उत्तर प्रदेश की कोई भी स्टेट यूनिवर्सिटी देश के टॉप हंड्रेड यूनिवर्सिटी कॉलेज की रैंक में शामिल नहीं है। बता दें कि, उत्तर प्रदेश में विधानसभा बजट सत्र के दौरान भारत के नियंत्रक और महालेखा परीक्षक की रिपोर्ट सदन में पेश की गई इस रिपोर्ट में यूपी में उच्च शिक्षा के कमियों को दिखाया गया है।
इन विश्वविद्यालयों की रिपोर्ट बहुत खराब
सीएजी रिपोर्ट में कहा गया कि, ज्यादातर कोर्स में वर्षों से बदलाव नहीं हुआ है इसका नतीजा है कि इन संस्थानों से निकलने वाले छात्रों को रोजगार मिलने की स्थिति बहुत खराब है। इसी के साथ प्रधान महालेखाकार बीके मोहंती कहते हैं कि, लखनऊ विश्वविद्यालय और वाराणसी की महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ का रिपोर्ट सबसे खराब है। इस यूनिवर्सिटी से हर साल करीब 60 हजार विद्यार्थी निकलते हैं लेकिन, रोजगार सिर्फ एक हजार को ही मिल सका। संस्थानों के पास इसकी जानकारी भी नहीं है कि पढ़ाई पूरी करने के बाद छात्र-छात्राएं क्या कर रहे हैं।
स्कॉलरशिप का लाभ
इसी के साथ इस रिपोर्ट में कहा गया कि, मार्च 2020 को काशी विद्यापीठ से कुल 341 और लखनऊ यूनिवर्सिटी से कुल 171 कॉलेज संबंध्द हैं. ऐसे में सेल्फ फाइनेंस्ड कॉलजों की संख्या भी बढ़ी है। रिपोर्ट के अनुसार विद्यापीठ के करीब 73 से 80 फीसदी और एलयू के 56 से 67 फीसदी छात्र पोस्ट मेट्रिक स्कॉलरशिप का लाभ उठाते हैं। यह स्कॉलरशिप सोशल वेलफेयर डिपार्टमेंट द्वारा दिया जाता है।
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