College Bunk Uttarakhand: डिग्री कॉलेजों से लगातार छात्रों और शिक्षकों के गायब होने की ख़बरे सामने आ रही थी। राज्य सरकार ने नई योजना लाकर ऐसा करने वालों पर लगाम कसदी है। कुछ छात्र क्लास मिस करके प्रॉक्सी के जरिए अटेंडेंस लगवा लेते थे और साथ ही टीचर्स भी कॉलेज बंक कर रहे थे। अब नए जियोफेंसिंग सिस्टम (geofencing sytem) के तहत सभी को अपनी हाजिरी खुद दर्ज करवानी होगी।
सरकार के हाथ होगा अटेंडेंस का डेटा
उत्तराखंड में जियोफेंसिंग अटेंडेंस सिस्टम को लागू किया जाएगा। इसके जरिए दूर-दराज और पर्वतीय इलाकों में स्थित कॉलेजों में टीचर्स और स्टूडेंट्स की अटेंडेंस सुनिश्चित की जा सकेगी। फिलहाल इसे पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर शुरू किया जाएगा। इसमें सफलता पाने के बाद ही भविष्य में इसे उत्तराखंड के सभी कॉलेजों में लागू कर दिया जाएगा। इस तरह से सरकार के पास प्रत्येक टीचर और स्टूडेंट की अटेंडेंस का डेटा होगा।
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क्या हैं जियोफेंसिंग सिस्टम?
जियोफेंसिंग सिस्टम सैटेलाइट पर आधारित होता है। इस सिस्टम के तहत किसी इलाके के लिए जियोफेंसिंग बनाई जाती है। यह किसी बाउंड्री की तरह होता है और इस बाउंड्री के अंदर जितने भी डिवाइस मौजूद होंते है, उनका रिकॉर्ड बन जाता हैं। कॉलेज में अटेंडेंस मार्क करने के लिए स्टूडेंट/टीचर को इस बाउंड्री के अंदर आना होता है। जैसे ही वह इस दायरे में आते है, उनकी अटेंडेंस मार्क करने के लिए बनाया गया मोबाइल ऐप काम करने लगता है। यह ऐप जियोफेंसिंग सिस्टम पर काम करता है।
OTP के जरिए लगेगी अटेंडेंस
जिन कॉलेज या संस्थान में जियोफेंसिंग सिस्टम लग गया है, वहां के स्टूडेंट/टीचर के अटेंडेंस के लिए उसी कॉलेज या संस्थान का ऐप डाउनलोड करना होगा। कॉलेज में प्रवेश करते समय इस ऐप के जरिए ही अटेंडेंस लगना संभव होगा। ऐप को खोलने पर रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर पर ओटीपी सेंड करने का विकल्प आएगा। ओटीपी को भरते ही अटेंडेंस लग जाएगी। कैपंस के बाहर जाने पर यह ऐप काम करना बंद कर देगा।
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