Mukherjee Nagar fire: हाल ही में मुखर्जी नगर स्थित एक कोचिंग सेंटर में आगलगी की घटना सामने आई थी। इसके बाद देशभर में चर्चाओं का बाजार गर्म हो गया था कि हर विषय मोटी फीस वसूलने वाले इन कोचिंग संस्थानों के पास सुरक्षा के पुख्ता उपाय क्या है। हालांकि इस सबके बीच बड़ी ख़बर आ रही है। बताया जा रहा है कि कोचिंग संस्थानों पर एमसीडी की पैनी नजर है। एमसीडी द्वारा कोचिंग सेंटरों की लिस्ट तैयार की जा रही है। इसके लिए अधिकारियों द्वारा प्रत्येक जोन में अभियान के तहत सर्वे की जा रही है। मिली जानकारी के अनुसार, एमसीडी ने अब तक द्वारा 500 से अधिक कोचिंग सेंटर्स का सर्वे कर संबंधित जानकारी जुटा ली है।
दो हफ्ते में HC ने मांगा एजेसियों से जवाब
आपको बता दें कि 3 जुलाई को इन तमाम लिस्ट को हाई कोर्ट की डबल बेंच के समक्ष प्रस्तुत किया जाएगा। ऐसा कहा जा रहा है कि इस दौरान जिन कोचिंग सेंटरों में यूनिफाइड बिल्डिंग बायलॉज (यूबीबीएल-2016) नियमों का उल्लंघन पाया जाएगा, उन संस्थानों पर कार्रवाई की जाएगी। इन कोचिंग सस्थानों को सील किया जा सकता है। गौरतलब है कि घटना के बाद हाई कोर्ट ने दिल्ली सरकार, दिल्ली फायर सर्विस, एमसीडी, और दिल्ली पुलिस को नोटिस जारी करते हुए दो हफ्ते में जवाब दाखिल करने को कहा था और अब इस मामले में अगली सुनवाई चीफ जस्टिस की बेंच के सामने 3 जुलाई को होनी है। बहरहाल, कोचिंग सेंटरों के खिलाफ कार्रवाई के लिए एमसीडी अधिकारी मास्टर प्लान-2021 का अध्यन कर रहे हैं। ऐसा माना जा रहा है कि नियम विरुद्ध कोचिंग संस्थान चलाने वालों की अब खैर नहीं हैं।
कई बड़े कोचिंग संस्थान की हालत है जर्जर
मालूम हो कि मुखर्जी नगर से संचालित कई बिल्डिंग में छोटे-छोटे हॉल में क्षमता से तीन गुना से ज्यादा विद्यार्थियों को पढ़ाने का आरोप लगता रहा है। जानकारों की मानें तो ऐसे स्थिति में कई बार विद्यार्थियों का दम घुटता है। जबकि वे एक से दो लाख रुपये देकर यहां विद्यार्थी पढ़ाई करने आते हैं। वहीं, कई विद्यार्थियों के द्वारा समय-समय पर आरोप लगाए जाते रहे हैं कि हॉल में भीड़ की वजह से पढ़ाई में वे दिमाग नहीं लगा पाते हैं। इन तमाम बातों के बीच अध्यनरत बच्चों की सुविधा व सुरक्षा का पूर्ण रखने की जिम्मेदारी कोचिंग संस्थानों का नैतिक कर्तव्य है। इसे हर हाल में पूरा करना चाहिए।