Coaching: बच्चों की पढ़ाई को लेकर ज्यादातर लोग सोचते हैं कि उनकी पढ़ाई अगर स्कूल के अलावा ट्यूशन में करवाई जाए तो बच्चे अच्छे मार्क्स ला सकते हैं। इनके अलावा कई बच्चे अपना ट्यूशन सिर्फ अपने डाऊट्स क्लियर करवाने के लिए करते हैं। ऐसे में अगर आप भी अपने बच्चे की ट्यूशन लगवाने के बारे में सोच रहे हो, तो इससे पहले जान लें ट्यूशन लगवाने के फायदे और नुकसान की सभी जानकारियां।
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ये हैं कोचिंग क्लास के फायदे
बच्चों पर व्यक्तिगत ध्यान रहता है
स्कूल में कई सारे बच्चे होने के कारण कई बार बच्चों को टॉपिक्स क्लियर नहीं हो पाते हैं और कोचिंग क्लास में बच्चों पर व्यक्तिगत रुप से ध्यान दिया जाता है। इससे बच्चों को पढ़ाई से जुड़ी सभी जानकारियां आसानी से समझ में आती हैं और बच्चे परीक्षा में बेहतर प्रदर्शन करते हैं। इस कारण उनके नंबर काफी अच्छे आते हैं।
आत्मविश्वास आता है
कोचिंग क्लास जाने से बच्चों में पढ़ाई से संबधित समस्या का समाधान हो जाने के कारण उनमें कॉन्फिडेंस आता है। क्योंकि पढ़ाई से संबधित समस्या का हल होने से बच्चों का आत्मविश्वास अपने आप बढ़ता है।
ये हैं कोचिंग क्लास के नुकसान
तनाव बढ़ता है
कोचिंग क्लास जानें से पहले बच्चा स्कूल जाता है इसके साथ ही उसे होमवर्क भी दिया जाता है। इतने सारे कामों की वजह से उस पर प्रेशर बढ़ने लगता है और बच्चा स्ट्रैस में भी आ सकता है। इस कारण बच्चे पूरी नींद नहीं ले पाते हैं और उनमें चिढ़चिढ़ेपन की शिकायत होने लगती है।
पैसे और समय का भी हो सकता है नुकसान
अगर आपका बच्चा पढ़ाई में होशियार है और स्कूलकी पढ़ाई उसे याद रहती है, तो कोचिंग क्लास में भेजने से बच्चे का समय और आपका पैसा दोनों बरबाद होता है। इसके अलावा बच्चों में प्रतिस्पर्धा और क्लास में टॉप करने को लेकर मां-बाप बच्चे को बचपन से ही कोचिंग क्लास से जुड़वा देते हैं। इससे बच्चों के बचपन पर काफी असर पड़ता है। इस वजह से बच्चे खेल-कूद भी नहीं पाते हैं और उनका सारा ध्यान स्कूल और कोचिंग पर ही रहता है।
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