Success Story: अपने गांव की पहली IAS अफसर बनी वंदना, इस तरह से किया था सपना साकार

Success Story: हर युवा चाहते हैं कि वह अपने जीवन में कामयाब हो। युवा यूपीएससी क्लियर कर आईएएस और आईपीएस बनने का सपना देखते हैं लेकिन जब एक लड़की पढ- लिखकर बड़ी अफसर बन जाती है तो घरवाले उस पर बड़ा ही गर्व महसूस करते हैं। आज हम एक ऐसी आज बेटी की बात करेंगे जो एक गरीब परिवार से थी और उसने आज आसमान की बुलंदियों को छू लिया है।

दिल्ली यूनिवर्सिटी से पढ़ाई पूरी कर बनी आईएएस

राजस्थान के टोकसी गांव की रहने वाली वंदना मीणा ने ज्यादा लंबा समय गांव में नहीं बिताया लेकिन वंदना मीणा के पिता पृथ्वीराज मीणा दिल्ली पुलिस में नौकरी करते हैं और मां ग्रहणी है। इसी वजह से पूरा परिवार दिल्ली शिफ्ट हो गया था। बंदना की स्कूली शिक्षा सवाई माधोपुर से हुई और इसके बाद आगे की पढ़ाई करने के लिए दिल्ली के सेंट कोलंबस स्कूल में दाखिला लिया और उसके बाद उन्होंने दिल्ली यूनिवर्सिटी के आचार्य नरेंद्र जैन कॉलेज से मैथ ऑनर्स की पढ़ाई की।

सपना पूरा करने के लिए 15 से 16 घंटे पढ़ाई करती थी वंदना

वंदना ने अपने कॉलेज टाइम के दौरान ही यूपीएससी की तैयारी करना शुरू किया था और जब एग्जाम करीब आते तो उसने 15 से 16 घंटे पढ़ाई की। इसके अलावा बाकी दिन भी रोजाना 10 घंटे पढ़ाई करती थी। अपने सपनों को पूरा करने के लिए वंदना ने दिन-रात एक कर दिए और 2021 बैच की आईएएस अफसर बनी। इस तरह वंदना अपने गांव की पहली आईएएस ऑफिसर बनी।

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परिजनों ने वजन के बराबर तोड़कर बाटी गांव में मिठाई

आईएएस ऑफिसर बनने के बाद जब बंदना अपने गांव पहुंची तो उसके परिजनों ने तोल कर उनके वजन के बराबर फल और मिठाइयां गांव में बांटी थी। इसी बीच वंदना सोशल मीडिया पर भी लगातार एक्टिव नजर आती है उन्होंने सोशल मीडिया पर कई सारे फोटोस पोस्ट किए हैं जिनमें उनका ट्रेडिशनल और ऑफिशियल लुक देखने को मिलता है।

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राजस्थानी परंपरा को रखा बरकरार

आईएस का सपना पूरा करने के लिए वंदना का मानना है कि सफलता का कोई भी शॉर्टकट नहीं होता मेहनत करनी पड़ती है। राजस्थान की रहने वाली वंदना ने अपने कल्चर की कुछ तस्वीरें पोस्ट की है जिनमें देखा जा सकता है कि वंदना ने राजस्थानी परंपरा को भी बरकरार रखा है।

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