Paramedical Courses: पैरामेडिकल साइंस पैरा मेडिकल मेडिकल साइंस की एक अहम शाखा है। जिसका अस्पतालों में एक अहम रोल है। देश और दुनिया में लगातार नई से नई बीमारियां बढ़ती जा रही हैं। इन बीमारियों के इलाज से पहले जांच की जाती है। ये जांच पैरामेडिकल टेक्नीशियन के द्वारा की जाती है। ये टेक्नीशियन फिजियोथेरेपी, फार्मेसी, रेडियोग्राफी, मेडिकल लैबोरेट्री टेक्नोलॉजी, नर्सिंग, स्पीच थेरेपी, ऑक्यूपेशनल थेरेपी, डेंटल हाइजीन डेंटल मेकैनिक्स, ऑप्टोमेट्री,ओटी टेक्नीशियन के रूप में काम करते हैं।कोरोना काल में पैरामेडिक स्टाफ ने अहम भूमिका निभाई है। यही कारण है कि, देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी पैरामेडिकल स्टाफ की काफी तारीफ भी की थी और इन्हें योद्धा कहकर पुकारा था। आपको बता दें, देश और दुनिया में पैरामेडिक स्टाफ की आवश्यकता लगातार बढ़ती ही जा रही है।
पैरामेडिकल के क्षेत्र में करियर
आप फिजियोथेरेपी, फार्मेसी, रेडियोग्राफी, मेडिकल लैबोरेट्री टेक्नोलॉजी, नर्सिंग, स्पीच थेरेपी, ऑक्यूपेशनल थेरेपी, डेंटल हाइजीन डेंटल मेकैनिक्स, ऑप्टोमेट्री,ओटी टेक्नीशियन जैसे कई फील्ड में 12 वीं के बाद डिप्लोमा और सर्टिफिकेट से लेकर अपने शानदार करियर की शुरूआत कर सकते हैं।एनएसडीसी के 2022 के आंकड़े कहते हैं कि, “भारतीय हेल्थकेयर सेक्टर में 74 लाख वर्कफोर्स की जरूरत होगी। ग्रेजुएट से लेकर एमबीबीएस, बी फार्मा व स्पेशलाइज्ड डिग्री इन पैरामेडिकल साइंस होल्डर्स के लिए आने वाले सालों में यहां अच्छे मौके हैं। अगर हॉस्पिटल्स की बात करें तो देश भर में 20,000 से ज्यादा सरकारी अस्पताल हैं। इसके अलावा 5400 करोड़ डॉलर के प्राइवेट हॉस्पिटल मार्केट ने इसे मजबूत सेग्मेंट बनाया है। हालांकि स्किल्ड प्रोफेशनल्स की कमी इस क्षेत्र की एक बड़ी समस्या है। भारत में प्रति 1700 लोगों पर एक डॉक्टर है जबकि डब्ल्यूएचओ के मुताबिक यह अनुपात 1:1000 है। पीडब्ल्यूसी स्टडी के अनुसार, भारत में 30 लाख डॉक्टर्स व 60 लाख नर्सों की कमी है। देश में लगभग 1 लाख लैबोरेट्री हैं। इनमें से 70 प्रतिशत पैथोलॉजी व 36 प्रतिशत रेडियोलॉजी व इमेजिंग सर्विसेज दे रही हैं। जो हर दिन 2 हजार से 3 हजार टेस्ट करती हैं। ऐसे में बायोकेमिस्ट्री, हिमेटोलॉजी, इम्यूनोलॉजी व माइक्रोबायोलॉजी से जुड़ी पढ़ाई काम के मौके दे सकती है।”
पैरामेडिकल स्टाफ के कार्य
मरीज का सेंपल लेना।
मरीजों की देखभाल करना।
प्रयोगशाला में सैंपल का परीक्षण करना।
मरीजों के खून, पेशाब, मल आदि की जांच करना।
मरीज की जांच के बाद रिपोर्ट तैयार करना।
पैरामेडिक स्टाफ की योग्यता
विज्ञान से पास 10वी और 12 वीं पास
कैसे बने पैरामेडिकल स्टाफ
पैरामेडिकल कोर्स की समय सीमा 1-3 साल तक कि होती है। जिसमें आप डिप्लोमा / डिग्री और सर्टिफिकेट के कोर्स कर सकते हैं। इसे करने के बाद आप किसी भी अस्पताल, क्लीनिक, सार्वजनिक स्वास्थ्य केंद्र या चिकित्सा प्रयोगशालाओं में सहायक के रूप में काम कर सकते है।
वेतन
पैरामेडिल के क्षेत्र में आप 25 हजार रूपए से लेकर लाखों रूपए तक कमा सकते हैं।