Agriculture Engineering After 12th: भारत को कृषि प्रधान देश की संज्ञा मिली हुई है। इसके पीछे की बड़ी वजह यह है कि भारत संरचनात्मक दृष्टि से गांवो का देश है। आलम यह है कि सभी ग्रामीण इलाकों में अधिकतर कृषि कार्य से लोग जुड़े हुए हैं। इसको लेकर कृषि के क्षेत्र में रोजगार के रोज नए अवसर पनप रहे हैं। इन दिनों अधितकर युवा किसी एक सेक्टर के तरफ रुख कर रहे हैं। जिसके चलते रोजगार सभी को समय पर मिलना थोड़ा मुश्किल होता जा रहा है। अगर देश के युवा यह मानना शुरु कर दें कि कृषि, भारतीय अर्थव्यवस्था (Indian Economy) की रीढ़ है और इस फिल्ड से जुड़कर रोजगार के अवसर तलाशेंगे तो निश्चित ही बेराजगारी जैसे शब्दों से देश को निजात मिलेगी। आइये इस लेख के माध्यम से जानते हैं कि कृषि सेक्टर से जुड़े कुछ टॉप कोर्सेज के बारें में जिसे छात्र कक्षा 12वीं के बाद करके करियर बना सकते है।
बीटेक इन एग्रीकल्चर इंजीनियरिंग में संवारें अपना भविष्य
वैश्वीकरण के कारण विभिन्न सेक्टरों में व्यापक बदलाव आया है। तकनीक ने समूची रूपरेखा को पूरी तरह से बदल दिया है। आलम यह है कि कृषि सेक्टर पर भी इसका व्यापक प्रभाव पड़ा है। इस फिल्ड में कई नए पाठ्यक्रम ने दस्तक दी है। हालांकि अभी भी ऐसे छात्रों की संख्या बहुत कम हैं जो कृषि से जुडे कोर्स में दाखिला लेते हों। दरअसल, बीटेक इन एग्रीकल्चर इंजीनियरिंग (B.Tech in Agriculture Engineering) 4 साल का अंडरग्रेजुएट कोर्स है। जिसमें दाखिला केवल विज्ञान संकाय के छात्र ही ले सकते हैं। मालूम हो कि इस कोर्स में प्रवेश परीक्षा और मेरिट यानी कुल मिलाकर कहा जाए तो दोनों के माध्यम से दाखिला लिया जा सकता है। जानकारी के लिए बता दें कि देश में कई ऐसे टॉप सरकारी और प्राइवेट संस्थान हैं जो इस कोर्स का संचालन करते हैं। इस कोर्स में छात्रों को एग्रीकल्चर फॉर इंजीनियर, एनवायरमेंटल साइंस, इक्विपमेंट, सॉइल मैकेनिक्स, ट्रैक्टर एंड फार्म मशीनरी, बायोलॉजिकल मैटेरियल एंड फूड क्वालिटी और फॉर्म पावर जैसे कई अहम विषयों की विस्तृत जानकारी दी जाती है। बता दें कि एग्रीकल्चर इंजीनियरिंग में बीटेक की डिग्री पूरी कर छात्र कई अच्छे बड़ी कंपनियों में कार्य कर मोटी सैलरी कमा सकते हैं।
एग्रीकल्चरल इंजीनियरिंग करके कृषि क्षेत्र में बनाए करियर
आपको बता दें कि अगर आप एग्रीकल्चर इंजीनियरिंग के बी.टेक कोर्स में दाखिला लेना चाहते हैं तो सबसे पहले आपको 10+ 2 में विज्ञान संकाय के साथ न्यूनतम 50 प्रतिशत अंक प्राप्त होना अनिवार्य है। ऐसा माना जाता है कि इसके बाद ही छात्रों को टॉप कॉलेज में दाखिला मिल पाता है। इसके अलावा बात की जाए तो छात्रों के द्वारा पोस्ट ग्रेजुएशन कोर्स यानि एमटेक या एमई भी किया जा सकता है। जो 2 साल का कोर्स होता है। एग्रीकल्चर इंजीनियरिंग (Agricultural Engineering) में करियर बनाने की चाहत रखने वाले छात्र 10वीं और 12वीं के बाद पॉलिटेक्निक डिप्लोमा (Polytechnic Diploma) करके भी कृषि फिल्ड में सफल करियर बना सकते हैं। बता दें कि पॉलिटेक्निक डिप्लोमा तीन साल का कोर्स होता है।
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