Career Growth Tips: आज के समय में लोग अपने करियर को लेकर ज्यादा सेंसिटिव नजर आते हैं। लोगों में कैरियर के लिए ‘फ्रूट मेंटालिटी’ भी देखी जाती है। इसका मतलब होता है कि मुझे काम के बदले में क्या फल मिलेगा। एक व्यक्ति का ध्यान अधिकतर इस बात की तरफ होता है कि उसे जॉब करने में कितना पैसा मिलेगा। लेकिन करियर के विकास में उसकी ‘सीड मेंटालिटी’ ज्यादा काम करती है। यदि आप ‘फ्रूट मेंटालिटी’ के हिसाब से काम करते हैं तो आप अपने काम से जल्दी ही ऊब जाएंगे।
यदि व्यक्ति अपने करियर की एक योजना बनाकर अपने विकास पर फोकस करें तो जॉब मिलने के बाद आपको अच्छा फल भी मिल जाएगा और आपकी प्रतियोगी क्षमता भी लगातार उभरती हुई नजर आएगी। करियर में आगे के 2 से 5 सालों का समय योजना नियोक्ता के लिए काफी अहम होता है। यदि आप शुरुआत में ही ऊर्जा, अपने भविष्य के प्रति सतर्कता और लीडरशिप का गुण रखते हैं तो यह आपके करियर के विकास का एक अच्छा संकेत है।
अपने बारे में जानने की कोशिश करें
करियर में आगे बढ़ने के लिए जरूरी है कि आप अपने बारे में जाने और रुचियों पर काम करें, जिन्हें आप अच्छे से कर सकते हैं। अपनी प्रतिभा के बारे में दूसरों से राय लें और ऐसे कामों में ध्यान लगाए जिन्हें आप दूसरों की तुलना में आसानी से पूरा कर सकते हैं। जब आप अपने बारे में जानते हैं तो आप अपने भविष्य के बारे में निर्णय लेने लगते हैं।
जरूरी स्किल्स पर ध्यान दें
लक्ष्य के लिए अपनी योग्यताओं को जानने की कोशिश करें। जरूरी नहीं कि आपके पास हर एक योग्यता हो। लेकिन आपके पास जो भी जरूरी योग्यता है उसको पहचाने। एक मेंटर या कोच इस काम में आपकी मदद कर सकता है।
करियर की जिम्मेदारी लेना सीखें
जब आप अपने करियर का चयन करते हैं तो उसकी जिम्मेदारी का उत्तरदायित्व आप पर आ जाता है। इसलिए इसकी जिम्मेदारी अपने हाथों में लेना सीखें। किसी विशेषज्ञ या अन्य व्यक्ति तब तक आपकी मदद नहीं कर सकता जब आप खुद इसके लिए प्रेरित नहीं होते। आपको खुद को ही मजबूत करना होगा और जिम्मेदारी उठानी होगी।
Also Read- Study Tips: पढ़ाई के वक्त भूलकर भी नहीं आएगी नींद, बस इन 3 टिप्स को अपना लें
करियर का रोडमैप इस तरह बनाएं
अपने करियर का रोड मैप जरूरत के हिसाब से बनाना चाहिए और उसमें हिसाब से ही चीजें जोड़ें। यदि आप रोडमैप तैयार कर रहे हैं तो अपनी समय सीमा और वर्तमान जिम्मेदारियों को जरूर ध्यान में रखें। इसमें शुरुआत से लेकर अंत तक विभिन्न पड़ाव जोड़ें और अच्छी तरह से इसकी जांच पड़ताल करें। शुरू में कोई कोर्स, जॉब या उनके संस्थान में प्रवेश में लगने वाला खर्च बड़े लक्ष्यों को इस सफर तक सीमित करता है। इन्हें पाने में आपको कितना समय लगेगा, ये भी जरूर तय करें।