CCS University: मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य के लिए भावनात्मक स्थिरता का होना आवश्यक होता है। यदि हमें इसका अभाव है तो हम मानसिक और शारीरिक दृष्टि से बीमार हो सकते हैं। हमें कई प्रकार की बीमारियों का सामना करना पड़ सकता है। यह बात प्रसिद्ध मनोवैज्ञानिक डॉ॰ सोनल कौशल गुप्ता ने विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए कही। उन्होंने कहा कि हमें प्रसन्न रहना चाहिए। अतीत के बारे में सोचने और भविष्य की चिंता करने के बजाय हमें वर्तमान में जीने की कला को आत्मसात करना चाहिए।
अपने लिए समय निकाल कर अपनी आवश्यकताओं पर ध्यान केंद्रित करना

अपने आप को पहचानना होगा और अपने लिए समय निकाल कर अपनी आवश्यकताओं पर ध्यान केंद्रित करना होगा। तनाव, उत्तेजना, क्रोध, अवसाद से दूर रहना होगा। भावनात्मक स्थिरता को सन्तुलित करना होगा। जीवन में सफलता का मूल मन्त्र है परिणाम के चिन्तित होने के बजाय हमें कर्म पर ध्यान देना होगा। हमें अपने शरीर की घड़ी यानि मेटाबालिजम को सही रखना है तो नियत समय पर अपने काम को करना सीखना होगा। सोने जागने के समय से लेकर खाने और पढ़ाई सब टाइमटेबल के अनुसार ही करना होगा।
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ये लोग रहे मौजूद

पत्रकारिता जैसे व्यवसाय में कार्य करने वाले लोगों की कार्यशैली, समयबद्धता का दबाव तथा कार्य की प्रकृति अत्यन्त व्यस्त होने के कारण यह और भी आवश्यक हो जाता है कि व्यक्ति मानसिक एवं शारीरिक रूप से स्वस्थ रहे। इसके लिए आवश्यक है कि हमें अपने मन को नियन्त्रित करते हुए अपने स्वास्थ्य पर ध्यान देना होगा। यदि हम अपने मेटाबालिज्म सिस्टम को सही नहीं रखते और भावनात्म्क स्थिरता को सन्तुलित नहीं करेंगे तो कई बीमरियों जैसे: हाई ब्लड प्रेशर, कोलेस्ट्राल, न्यूरो, डिप्रेशन आदि से ग्रसित हो सकते हैं। अतः आप जैसे युवा जो कि भविष्य में पत्रकार बनेंगे इन तनाव और अवसाद से बचना होगा। तिलक पत्रकारिता एवं जनसंचार स्कूल के निदेशक प्रो. प्रशांत कुमार ने डॉ. सोना गुप्ता को स्वागत एवं परिचय करवाया। साथ ही मंच का संचालन डॉ. मनोज श्रीवास्तव ने किया। इस अवसर पर लव कुमार तथा छात्र-छात्राएं उपस्थित रहे।
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