Delhi University: दिल्ली विश्वविद्यालय 99वें दीक्षांत समारोह में छात्र और अधिकारी हैट और गाउन पहने नजर नहीं आएंगे। इस साल दिल्ली विश्वविद्यालय के छात्रों को पारंपरिक लोकाचार के साथ पहनने के लिए एक शॉल या अंगवस्त्र दिया जाएगा। अभी तक दीक्षांत समारोह के अवसर पर हैट-गाउन पहनने की परंपरा थी जिसे अब खत्म किया जा रहा है। इस साल से दीक्षांत समारोह में अंगवस्त्र पहनने की परंपरा की शुरुआत की जा रही है। लगभग दो महीने पहले ही डीयू के कुलपति ने एक दीक्षांत समिति का गठन किया था। इस समिति ने पोशाक के लिए नए डिजाइन को पेश किया था। इसे अकादमिक और कार्यकारी परिषद की हुई बैठकों में अनुमोदन के लिए रखकर ही पास किया गया है।
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भारतीय परंपरा के अनुसार किया गया अनुमोदन
बता दें कि दिल्ली यूनिवर्सिटी के कुलपति प्रोफेसर योगेश सिंह ने एक इंटरव्यू के दौरान कहा था कि दिल्ली विश्वविद्यालय में पहली बार इसकी शुरुआत की जा रही है लेकिन अंगवस्त्र पुरानी भारतीय परंपरा है। अब से दीक्षांत समारोह में कोट और ग्रेजुएशन की टोपी नहीं होगी बल्कि उसकी जगह पर ग्रेजुएशन करने वाले छात्रों को दीक्षांत समारोह में पहनने के लिए अंगवस्त्र या शॉल दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि “हम भारतीय परंपराओं और संस्कृति से ओत-प्रोत देश हैं। हम इस शुरुआत से भारतीय लोकाचार को आगे बढ़ाने का प्रयास करेंगे। वहीं उन्होंने इस बात की भी जानकारी दी कि इस बार दीक्षांत समारोह में भारत की राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मू भी शामिल होकर दीक्षांत समारोह की शोभा बढ़ाएंगी। छात्र ही नहीं प्रशासनिक अधिकारी भी पारंपरिक भारतीय परिधान में नजर आएंगे।
कैसा होगा अंगवस्त्र का डिजाइन
इस अंगवस्त्र पर बैंगनी रंग में दिल्ली विश्वविद्यालय का लोगो होगा। यह लोगो “द ट्री ऑफ लाइफ” का है। अंगवस्त्र के ड्रेस का रंग यूजी, पीजी, पीएचडी आदि के छात्रों के लिए अलग-अलग रखा जाएगा।
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