University News: जोशीमठ आपदा से कई घर प्रभावित हुए हैं। प्राकृतिक आपदाओं से हुई क्षति के पुनर्वास और मरम्मत में कई साल लग सकते हैं। इसमें छात्रों का खासा नुकसान होता है। सफल करियर के सपने संजोगे अधिकतर छात्रों को आर्थिक और मानसिक तरीके से पीड़ित होना पड़ता है। लेकिन कहते हैं डूबती हुई नैय्या को कोई सहारा मिल ही जाता है। देर से ही सही कोई तो हमारा मिल ही जाता है। जोशीमठ आपदा के पीड़ित छात्रों के लिए ग्राफिक एरा डीम्ड यूनिवर्सिटी और ग्राफिक एरा हिल यूनिवर्सिटी ने सराहनीय कदम उठाए हैं। ग्राफिक एरा ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूशंस के चेयरमैन डा. कमल घनशाला ने कहा कि ”जोशीमठ के प्रभावित परिवार के बच्चों को जिस कोर्स में नामांकन दिया जाएगा, उसके पहले सेमेस्टर से लेकर डिग्री मिलने तक कोई शुल्क नहीं लिया जाएगा।”
यूनिवर्सिटी ने की घोषणा
विस्तृत जानकारी देते हुए ग्राफिक एरा ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूशंस के चेयरमैन डा. कमल घनशाला ने कहा कि ”ग्राफिक एरा डीम्ड यूनिवर्सिटी और ग्राफिक एरा हिल यूनिवर्सिटी के देहरादून परिसरों के साथ ही भीमताल एवं हल्द्वानी कैंपस में भी जोशीमठ के बच्चों को यह सुविधा दी जाएगी।” बता दें कि संस्थान द्वारा इंजीनियरिंग, मैनेजमेंट, कम्प्यूटर एप्लीकेशन, बायोटेक, होटल मैनेजमेंट, एग्रीकल्चर, मीडिया, एनीमेशनल, फैशन, ला, फार्मेसी, बीपीटी समेत सभी पाठ्यक्रमों में जोशीमठ के युवाओं को नामांकन देने का निर्णय किया गया है। संस्थान द्वारा साझा की गई जानकारी के अनुसार ग्राफिक एरा के देहरादून, भीमताल और हल्द्वानी के सभी परिसरों में जोशीमठ के पीड़ितों के लिए 100 सीटें निर्धारित की गई हैं।
लोगों ने की प्रशंसा
बहरहाल, ग्राफिक एरा डीम्ड यूनिवर्सिटी और ग्राफिक एरा हिल यूनिवर्सिटी के इस फैसले पर लोग खूब तारीफ कर रहे हैं। गौरतलब है कि इन दिनों जोशीमठ आपदा का मार झेल रहा है। आलम यह है कि आपदा के कारण यहां से कई घर विस्थापित हुए हैं। प्रदेश की सरकार द्वारा बचाव अभियान चलाए जा रहे हैं। लेकिन इस सबके बाद भी लोगों को खासा परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। पीड़ित परिवारों के छात्रों के सामने कई चुनौतियां हैं। ऐसे में ग्राफिक एरा यूनिवर्सिटी की यह पहल जोशीमठ के छात्रों के लिए संजीवनी का काम करेगी।
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