MBBS Next Exam: हिमाचल प्रदेश के हमीरपुर मेडिकल कॉलेज के छात्रों ने नेशनल एग्जिट टेस्ट निर्णय के खिलाफ धरना प्रदर्शन किया। इन छात्रों ने सोमवार को कॉलेज कैंपस के बाहर जुलूस निकाला और धरना प्रदर्शन किया है। बता दें राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग ने एमबीबीएस के फाइनल इयर (2019 बैच) के छात्रों के लिए नेक्स्ट परीक्षा का आयोजन करने का निर्णय लिया था। यह परीक्षा दो चरणों में आयोजित की जाएगी।
छात्रों ने मांगी सीएम से मदद
आंदोलनकारियों ने कहा कि कॉलेज में अटेंडेंस बनाए रखने और कक्षाएं लेते हुए, इतने कम अवधि में राष्ट्रीय स्तर की परीक्षा में भाग लेना, सरासर अन्याय है। हम सब इस फैसले के खिलाफ एक साथ खड़े हैं। आक्रोशित प्रदर्शनकारियों ने मुख्यमंत्री को भी ज्ञापन सौंप कर न्याय की मांग की है। छात्रों का कहना है कि 2019 में एडमिशन के समय नेक्स्ट एग्जाम का कोई जिक्र नहीं था। यहां तक की कोरोना महामारी के बाद भी नया कार्यक्रम सामने आया था, उसमें भी इस एग्जाम का कोई उल्लेख नहीं किया गया है। 2019 बैच पर ये एग्जाम लागू करना एनएमसी अधिनियम 2019 की धारा 49 का घोर उल्लंघन है। क्योंकि 2019 बैच ने 1 अगस्त 2019 को अपना पाठ्यक्रम शुरू कर दिया था, जबकि एनएससी अधिनियम 8 अगस्त 2019 को प्रकाशित हुआ था और अधिनियम सितंबर 2020 में शुरू हुआ।
4 महीने में कैसे होगी पढ़ाई पूरी?
आक्रोशित छात्रों ने बताया कि, 2019 बैच के छात्रों को पहले ही कोरोना महामारी का सामना करना पड़ा है, जिससे क्लिनिकल पोस्टिंग में काफी समस्याओं का सामना करना पड़ा है, आधी कक्षाएं निलंबित कर दी गईं। उन्होंने कहा कि क्लिनिक के दौरान उन्हें सीखने का एकमात्र समय तीसरे वर्ष में मिला और उनका फाइनल इयर मार्च 2023 में शुरू हुआ। सिर्फ 4 महीने में कॉलेज की पढ़ाई पूरा नहीं हो पाएगा।
छात्रों ने कहा कि, हम पिछले वर्ष ही नेत्र विज्ञान और ईएनटी की परीक्षाएं दे चुके हैं। हम इसे दोबारा क्यों क्या हमारी पिछले वर्ष की मार्कशीट कोई मायने नहीं रखती? छात्रों ने मांग की है कि, एनएमएस के अधिकारी नेक्स्ट परीक्षा के लिए दूसरा बैच चुनें और 2019 बैच के छात्रों से ये परीक्षाएं ना लें। छात्रों ने कहा कि उनका धरना प्रदर्शन 7 जुलाई तक जारी रहेगा। ये राष्ट्रव्यापी आंदेलन का हिस्सा था।
क्या है नेक्स्ट परीक्षा जिसको लेकर भड़के छात्र
राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग (NMC)अधिनियम के अनुसार, एमबीबीएस के फआइनल इयर के छात्रों को नेशनल एग्जिट टेस्ट योग्यता परीक्षा है। इस परीक्षा के द्वारा मेडिकल छात्रों को डॉक्टरी का लाइसेंस प्राप्त होगा। यह परीक्षा दो चरणों में आयोजित की जाएगी। पहले चरण की परीक्षा छात्र कितनी ही बार दे सकते हैं, बशर्ते छात्र ने दूसरे चरण की परीक्षा पास कर ली हो। वहीं एमएस और एमडी में एडमिशन के लिए पहले चरण की परीक्षा के मार्क्स ही मान्य होंगे। लेकिन छात्रों का दूसरे चरण की परीक्षा पास करना जरूरी है। यह परीक्षाएं विदेश से पढ़कर आए (और भारत में प्रैक्टिस करना चाहते हैं) छात्रों को भी देनी होगी। पहले चरण की परीक्षा पास करने के बाद छात्र इंटर्नशिप के लिए पात्र होंगे। NMC ने इन परीक्षाओं की शुरूआत 2019 बैच के साथ करने का ऐलान किया था।
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