NDA vs CDS: भारत में आर्मी की नौकरी बेहतरीन नौकरियों में से एक मानी जाती है। लाखों की संख्या में छात्र हर साल विभिन्न सेनाओं में भर्ती के लिए प्रयास करते हैं। वहीं लाखों युवाओं का सपना होता है कि वो सेना में ऑफिसर रैंक का पद हासिल करें। बहुत से छात्र ऑफिसर रैंक का पद हासिल करने के लिए परीक्षा की तैयारियां करते हैं लेकिन उनके मन में कई प्रकार के असमंजस होते हैं। ऐसे में छात्रों के मन में एक सवाल यह भी होता है कि NDA और CDS में क्या अंतर होता है? आज आपके इसी सवाल का जवाब आपके लिए यहां पर लेकर आए हैं कि आखिर रैंक, सैलेरी, जिम्मेदारियां और प्रमोशन समान होने के बावजूद भी NDA और CDS में क्या अंतर होता है?
ऑफिसर रैंक की भर्ती के लिए होती हैं ये परीक्षाएं
दरअसल भारतीय सेना में ऑफिसर रैंक की भर्ती के लिए दो मेन परीक्षाएं होती हैं। इनमें एक NDA होती है जिसका फुल फॉर्म National Defence Academy होता है तो वहीं दूसरी परीक्षा CDS की होती है जिसका फुल फॉर्म Combined Defence Services होता है। दोनों की रैंक, सैलेरी, जिम्मेदारियां और प्रमोशन समान होते हैं लेकिन फिर भी इनमें कई बड़े अंतर होते हैं।
क्या होता हैं अंतर?
बता दें कि NDA और CDS में परीक्षाओं के दौरान ट्रेनिंग, ट्रेनिंग का समय, एकेडमी और डिग्री में अंतर होता है। अगर देखा जाए तो इन दोनों में सबसे बड़ा अंतर ट्रेनिंग का होता है। NDA में आर्मी, नेवी और एयरफोर्स के लिए कैडेट्स को ट्रेनिंग दी जाती है तो वहीं CDS परीक्षा क्लियर करने के बाद कैंडिडेट इंडियन मिलिट्री एकेडमी, इंडियन नेवल एकेडमी, इंडियन एयर फोर्स एकेडमी, ऑफिसर ट्रेनिंग एकेडमी में भर्ती किए जाते हैं।
NDA और CDS परीक्षाओं के लिए निर्धारित योग्यता में भी होता है काफी अंतर
NDA और CDS परीक्षाओं के लिए निर्धारित योग्यता में काफी अंतर होता है। छात्र 12वीं पास करने के बाद NDA की परीक्षा दे सकते हैं लेकिन CDS परीक्षा में आवेदन करने के लिए ग्रेजुएट होना जरूरी है। NDA के लिए 16 साल से साढ़े 19 साल की उम्र होनी चाहिए वहीं CDS के लिए 19 से 25 वर्ष की आयु निर्धारित की गई है।
ये भी पढ़ें: NURSING COLLEGE में चेकिंग के नाम पर लड़कियों के उतरवाए गए कपड़े! जांच में जुटी पुलिस
एजुकेशन की तमाम खबरों के लिए हमारे YouTube Channel ‘DNP EDUCATION’ को अभी subscribe करें।